नसों में अधिक सेवन के कारण बढ़ रही है क्लॉटिंग – फोटो : Harvard Study
यह सर्वविदित है कि अगर हमारा आहार स्वस्थ और पौष्टिक है तो शरीर में कई प्रकार की बीमारियों का जोखिम कम हो जाता है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को भोजन में सब्जियों-फलों को अधिक मात्रा में शामिल करने की सलाह देते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, आहार से संबंधित कुछ खराब आदतों को काफी तेजी से बढ़ता देखा जा रहा है जिसके असल में कई गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं।
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि जिन लोगों के भोजन में सोडियम यानी नमक की अधिकता होती है या फिर हम ऐसी चीजों का सेवन करते हैं जिनमें इसकी मात्रा ज्यादा होती है ऐसी चीजें शरीर के लिए कई प्रकार से हानिकारक हो सकती है। नमक का अधिक सेवन करने वालों में धमनियों के ब्लॉकेज और इसके कारण हृदय की गंभीर समस्याओं का खतरा अधिक देखा गया है।
आइए जानते हैं कि नमक हमारे शरीर को किस प्रकार से नुकसान पहुंचा रहा है?

रक्तचाप बढ्ने का खतरा – फोटो : health clevelandy
नमक का अधिक सेवन बहुत हानिकारक
शोधकर्ता बताते हैं कि नमक का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप के कारण दिल के दौरे और स्ट्रोक के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है। इसी को लेकर स्वीडन में हुए एक शोध से पता चलता है कि आहार में बहुत अधिक नमक के कारण गर्दन और हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज का खतरा अधिक हो सकता है। भले ही आपको रक्तचाप की समस्या न हो पर अगर आप नमक का अधिक सेवन करते हैं तो यही एक आदत दिल के दौरे और स्ट्रोक के जोखिमों को कई गुना तक बढ़ाने वाली हो सकती है।
शोध में क्या पता चला?
यूरोपीय हार्ट जर्नल ओपन ऑनलाइन प्रकाशित इस शोध में अध्ययन के लेखक जोनास वुओपियो कहते हैं, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि नमक का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप विकसित होने से पहले ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। यह पहला ऐसा अध्ययन है जिसमें पाया गया है कि नमक का अधिक सेवन, सिर-गर्दन दोनों की धमनियों को सख्त बनाने का कारण बन रहा है। यानी नमक का अधिक सेवन आपमें एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम से जुड़ी हुई है।
एथेरोस्क्लेरोसिस, धमनियों में प्लाक बनने की समस्या है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ी बीमारी मौत के प्रमुख कारणों में से है। अनुमान के मुताबिक 45 से 84 वर्ष के बीच के लगभग 40 फीसदी लोगों को एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकती है।
यूरोपीय हार्ट जर्नल ओपन ऑनलाइन प्रकाशित इस शोध में अध्ययन के लेखक जोनास वुओपियो कहते हैं, हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि नमक का अधिक सेवन उच्च रक्तचाप विकसित होने से पहले ही शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है। यह पहला ऐसा अध्ययन है जिसमें पाया गया है कि नमक का अधिक सेवन, सिर-गर्दन दोनों की धमनियों को सख्त बनाने का कारण बन रहा है। यानी नमक का अधिक सेवन आपमें एथेरोस्क्लेरोसिस के जोखिम से जुड़ी हुई है।
एथेरोस्क्लेरोसिस, धमनियों में प्लाक बनने की समस्या है। संयुक्त राज्य अमेरिका में एथेरोस्क्लेरोसिस से जुड़ी बीमारी मौत के प्रमुख कारणों में से है। अनुमान के मुताबिक 45 से 84 वर्ष के बीच के लगभग 40 फीसदी लोगों को एथेरोस्क्लेरोसिस हो सकती है।
क्या है विशेषज्ञों की सलाह?
शोधकर्ताओं ने पाया कि हम जितना अधिक नमक का सेवन करते हैं, हृदय और गर्दन की धमनियों में कैल्सीफिकेशन का खतरा उतना ही अधिक होता है। वुओपियो कहते हैं, “इसका मतलब है कि केवल उच्च रक्तचाप या हृदय रोगियों को ही नहीं, सभी लोगों को नमक के सेवन पर ध्यान देने की जरूरत है। यह अनुमान लगाना कठिन हो सकता है कि हम कितना नमक खाते हैं, इसलिए मैं रोगियों को टेबलेट के फॉर्म में नमक के सेवन की सलाह देता हूं, जिससे इसके उपयोग को सीमित किया जा सके।”
शोधकर्ताओं ने सचेत किया है कि सिर्फ भोजन ही नहीं, कई फास्ट-जंक फूड में भी नमक की अधिकता हो सकती है। अगर इसमें सुधार न किया गया तो आने वाले दशकों में हार्ट डिजीज के मामले और भी बढ़ने की आशंका है।
शोधकर्ताओं ने पाया कि हम जितना अधिक नमक का सेवन करते हैं, हृदय और गर्दन की धमनियों में कैल्सीफिकेशन का खतरा उतना ही अधिक होता है। वुओपियो कहते हैं, “इसका मतलब है कि केवल उच्च रक्तचाप या हृदय रोगियों को ही नहीं, सभी लोगों को नमक के सेवन पर ध्यान देने की जरूरत है। यह अनुमान लगाना कठिन हो सकता है कि हम कितना नमक खाते हैं, इसलिए मैं रोगियों को टेबलेट के फॉर्म में नमक के सेवन की सलाह देता हूं, जिससे इसके उपयोग को सीमित किया जा सके।”
शोधकर्ताओं ने सचेत किया है कि सिर्फ भोजन ही नहीं, कई फास्ट-जंक फूड में भी नमक की अधिकता हो सकती है। अगर इसमें सुधार न किया गया तो आने वाले दशकों में हार्ट डिजीज के मामले और भी बढ़ने की आशंका है।
संदर्भ: